à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ समाज में सà¥à¤µà¤¤à¤‚तà¥à¤°à¤¤à¤¾ के बाद से ही जागरूकता की कमी देखी जाती है। शायद इसी वजह से हम विकसित देशों से पीछे रह जाते हैं! कà¥à¤¯à¤¾ आज कोई कह सकता है की कोई देश विकसित है पर वहां के निवासी जागरूक नही हैं? बेशक नहीं! कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि विकास अपने साथ जागरूकता लता है और ये इसी जागरूकता से अपनी सतत पà¥à¤°à¤•à¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¾ के लिठऊरà¥à¤œà¤¾ पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ करता है। विकसित देशों ने अपनी वैजà¥à¤žà¤¾à¤¨à¤¿à¤• उनà¥à¤¨à¤¤à¤¿ वैजà¥à¤žà¤¾à¤¨à¤¿à¤• पà¥à¤°à¤¬à¥à¤¦à¥à¤§à¤¤à¤¾ से ही पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ की है। कà¥à¤› लोग दावा करते हैं की अधिकांश विकसित देशों ने ये ताकत और पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤·à¥à¤ ा अपनी वितà¥à¤¤à¥€à¤¯ समृदà¥à¤§à¤¿ से पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ की है।
यह à¤à¤• तथà¥à¤¯ है कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि समृदà¥à¤§à¤¿ अपने साथ ताकत, समà¥à¤®à¤¾à¤¨ और सà¥à¤°à¤•à¥à¤·à¤¾ लेकर आती है। सà¥à¤°à¤•à¥à¤·à¤¾ से हमारा मतलब है की जहां जीवन और जैविक गतिविधियों पर कोई खतरा न हो। जहां कोई à¤à¥€ ततà¥à¤µ आपके काम काज में बाधा न उतà¥à¤ªà¤¨à¥à¤¨ कर सके। आपको वासà¥à¤¤à¤µà¤¿à¤• सà¥à¤µà¤¤à¤‚तà¥à¤°à¤¤à¤¾ और संपà¥à¤°à¤à¥à¤¤à¤¾ पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ हो और आपके सà¤à¥€ फैसले उनà¥à¤®à¥à¤•à¥à¤¤ हों। आप के पास बोलने की आजादी हो। वितà¥à¤¤à¥€à¤¯ समृदà¥à¤§à¤¿ शकà¥à¤¤à¤¿ लाती है और समृदà¥à¤§ और संपà¥à¤°à¤à¥ वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ या देश के शबà¥à¤¦à¥‹à¤‚ का पालन होता है। आज के दौर में हम जो सà¥à¤µà¤¤à¤‚तà¥à¤°à¤¤à¤¾ देख रहे हैं वो यूरोपीय उदारवाद की देन है। 19वीं शताबà¥à¤¦à¥€ में यूरोप और अमेरिका पूरे विशà¥à¤µ पर हावी थे। कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि à¤à¤¸à¥‡ देशों ने गजब की तकनीकी उनà¥à¤¨à¤¤à¤¿ पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ कर ली थी इसलिठये पूरे विशà¥à¤µ से कचà¥à¤šà¤¾ माल उठा कर उससे जरूरत की चीज़े बनाते थे और उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ बेच कर धनोपारà¥à¤œà¤¨ करते थे। इस जà¥à¤žà¤¾à¤¨ से इनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने अपने को समृदà¥à¤§ कर लिया और अपना विकास किया। फिर कà¥à¤¯à¤¾ था, जो इन देशों ने बनाया पूरे विशà¥à¤µ ने उसपर अमल किया। जà¥à¤žà¤¾à¤¨ और जागरूकता ही थी जो इन देशों को बाकी दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ से अलग कर देती थी। जब à¤à¤¾à¤°à¤¤ आजाद हà¥à¤† तब इसने à¤à¥€ अपना राजनैतिक ढांचा और अपना संविधान इनà¥à¤¹à¥€ देशों से सीख लेते हà¥à¤ बनाया। संविधानवाद, संघवाद, धरà¥à¤®à¤¨à¤¿à¤°à¤ªà¥‡à¤•à¥à¤·à¤¤à¤¾ और विधि शासन à¤à¥€ à¤à¤¾à¤°à¤¤ ने इनà¥à¤¹à¥€ यूरोपीय देशों व अमेरिका से पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ किया।
ये सà¤à¥€ शबà¥à¤¦ à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯à¥‹à¤‚ के लिठनठथे कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि इनकी उतà¥à¤ªà¤¤à¥à¤¤à¤¿ अलग देशों में हà¥à¤ˆ थी जिनकी संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ à¤à¤¾à¤°à¤¤ की संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ से à¤à¤¿à¤¨à¥à¤¨ थी। à¤à¤¸à¥‡ कई शबà¥à¤¦à¥‹à¤‚ का सही अरà¥à¤¥ समà¤à¤¨à¥‡ के लिठबहà¥à¤¤ सà¥à¤ªà¤·à¥à¤Ÿ, सरल और सà¥à¤¬à¥‹à¤§ वरà¥à¤£à¤¨ की जरूरत थी। à¤à¤¾à¤°à¤¤ के लोग अंगà¥à¤°à¥‡à¤œà¥‹ दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ गरीब और शोषित बना दिठगठथे जिसके कारण इनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ आसान à¤à¤¾à¤·à¤¾ में समà¤à¤¾à¤¯à¤¾ जाना चाहिठथे जिससे कानून उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ समठआ सके। à¤à¤¾à¤°à¤¤ के संविधान ने हर नागरिक को कà¥à¤› मौलिक अधिकार दिठहैं।
इन मौलिक अधिकारों के बारे में जानने और इनà¥à¤¹à¥‡ पूरà¥à¤£à¤¤à¤¯à¤¾ पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ करने के लिठहर नागरिक में कानून का जà¥à¤žà¤¾à¤¨, इसकी समà¤, जानकारी और जागरूकता का होना बहà¥à¤¤ जरूरी है। कानून का à¤à¤• सिदà¥à¤§à¤¾à¤‚त है की कानून की अनदेखी होने पर कà¥à¤·à¤®à¤¾ नहीं मिल सकती।
ये सिदà¥à¤§à¤¾à¤‚त मौजूदा कानून वà¥à¤¯à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¾ में à¤à¥€ मानà¥à¤¯ है और नà¥à¤¯à¤¾à¤¯à¤¾à¤²à¤¯ अपने फैसलों में ये जरूर देखता है की कही दोनो पकà¥à¤·à¥‹à¤‚ के दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ किसी कानून की अनदेखी न की गई हो। हर नागरिक की ये जिमà¥à¤®à¥‡à¤¦à¤¾à¤°à¥€ बनती है की उसे अपने देश के कानूनों का जà¥à¤žà¤¾à¤¨ हो इसी वजह से कानून की जागरूकता और जà¥à¤žà¤¾à¤¨ अतà¥à¤¯à¤¾à¤µà¤¶à¥à¤¯à¤• हैं और पà¥à¤°à¤¤à¥à¤¯à¥‡à¤• जिमà¥à¤®à¥‡à¤¦à¤¾à¤° नागरिक को इनà¥à¤¹à¥‡ पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ करना चाहिà¤à¥¤
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