“à¤à¤†à¤ˆ बनाने में सफलता मानव इतिहास की सबसे बड़ी घटना होगी। दà¥à¤°à¥à¤à¤¾à¤—à¥à¤¯ से, यह आखिरी à¤à¥€ हो सकता है, जब तक कि हम यह नहीं सीख लेते कि जोखिमों से कैसे बचा जाà¤à¥¤â€
- सà¥à¤Ÿà¥€à¤«à¤¨ हॉकिंग
पà¥à¤°à¤¸à¥à¤¤à¤¾à¤µà¤¨à¤¾:-
सृषà¥à¤Ÿà¤¿ में मानव ही à¤à¤•à¤®à¤¾à¤¤à¥à¤° पà¥à¤°à¤¾à¤£à¥€ है जिसे बà¥à¤¦à¥à¤§à¤¿ और वाणी का वरदान पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ है अपनी बà¥à¤¦à¥à¤§à¤¿ से कहा उसने अनंत अंतरिकà¥à¤· में अपना परचम फैराया है वहीं सागर की गठन गहराइयों को à¤à¥€ नापा है।अपनी मेधा से मनà¥à¤·à¥à¤¯ नित नव आविषà¥à¤•à¤¾à¤° कर रहा है।इसी संदरà¥à¤ में आज कृतà¥à¤°à¤¿à¤® बà¥à¤¦à¥à¤§à¤¿à¤®à¤¤à¥à¤¤à¤¾ के गà¥à¤£-दोषों पर अपने विचार पà¥à¤°à¤¸à¥à¤¤à¥à¤¤ कर रहा हूà¤à¥¤
आगे हम यह à¤à¥€ जानेंगे कि अगर इसे अनियंतà¥à¤°à¤¿à¤¤ या अनियमित छोड़ दिया जाठतो यह कितना खतरनाक हो सकता है।
परिचय:-
“असली सवाल यह है कि हम अधिकारों के कृतà¥à¤°à¤¿à¤® बà¥à¤¦à¥à¤§à¤¿à¤®à¤¤à¥à¤¤à¤¾ विधेयक का मसौदा कब तैयार करेंगे? उसमें कà¥à¤¯à¤¾ शामिल होगा? और इसका निरà¥à¤£à¤¯ कौन करेगा?â€
- गà¥à¤°à¥‡ सà¥à¤•à¥‰à¤Ÿ
इसका अरà¥à¤¥ यह है कि इंसान दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ कारà¥à¤¯ करने कि पà¥à¤°à¤£à¤¾à¤²à¥€ को à¤à¤• मानव निरà¥à¤®à¤¿à¤¤ अतà¥à¤¯à¤¾à¤§à¥à¤¨à¤¿à¤• मशीन को सौप देना।यह माना जाता है कि यह कारà¥à¤¯ को मानव से कई गà¥à¤¨à¤¾ जयदा उचित à¤à¤µà¥ सटीक करता है।
फ़िलहाल की सà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿ में हमें इसका पà¥à¤°à¤¾à¤°à¥‚प देखने को मिला हैं जो कई नज़रियो में सही और कई में ग़लत साबित हà¥à¤¯à¤¾ है ,आगामी समय में हमें इसका à¤à¤• विकृत रूप देखने को मिल सकता है। यह तकनीक वरदान के साथ-साथ अà¤à¤¿à¤¶à¤¾à¤ª à¤à¥€ है, जिसका अंत काफ़ी ख़तरनाक और चà¥à¤¨à¥Œà¤¤à¥€à¤ªà¥‚रà¥à¤£ है। इसका सदà¥à¤ªà¤¯à¥‹à¤— मानव जीवन में कà¥à¤°à¤¾à¤‚तिकारी साबित हो सकता है जो कि इंसानी जीवन को सरल और आधà¥à¤¨à¤¿à¤• बना देगा जिसमें हम बहà¥à¤¤ जटिल कारà¥à¤¯ तà¥à¤°à¥à¤Ÿà¤¿ रहित कर सकते हैं।
इसका सीमित और सटीक उपयोग ही मानव जीवन को उजà¥à¤œà¥à¤µà¤² और विकसित बना सकता है,परंतॠथोड़ी सी छेड छाड़ से इसका विकराल रूप à¤à¥€ देखने को मिल सकता है यह मानव निरà¥à¤®à¤¿à¤¤ सॉफà¥à¤Ÿà¤µà¥‡à¤° कही मानव पर हà¥à¤•à¥‚मत करने वाला à¤à¤• तकनीकी राजा ना बन जाà¤à¤,कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि अब धीरे -धीरे यह सà¥à¤µà¤šà¤¾à¤²à¤¿à¤¤ होता जा रहा है, जो कही ना कही इंसानी नियंतà¥à¤°à¤£ से हो जाता हैं।
अगर à¤à¤¾à¤°à¤¤ की बात करे तो अà¤à¥€ इसका हम सीमित उपयोग ही कर रहे है जिसमें की चिकितà¥à¤¸à¤¾ à¤à¤µà¤‚ उतà¥à¤ªà¤¾à¤¦à¤¨ शामिल है,à¤à¤¾à¤°à¤¤ के गà¥à¤°à¤¾à¤®à¥€à¤£ कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° जहाठपà¥à¤°à¤¶à¤¿à¤•à¥à¤·à¤¿à¤¤ मज़दूर की कमी हैं वहाठइसे उपयोग कर रहे है। अगर समय रहते इसपे रोक ना लगाई तो यह तकनीक वह तानाशाह बनेगा जो इंसानों पर हà¥à¤•à¥‚मत करेगा और इसका कोई तोड़ à¤à¥€ नहीं होगा।
इस तकनीक का à¤à¤• चेहरा और है जिसमें यह इंसानी दिमाग़ को परख के हà¥à¤¬à¤¹à¥‚ इंसानी हमशकल तैयार कर देता है जिसमें à¤à¤¾à¤µà¤¨à¤¾à¤¤à¥à¤®à¤• सोच à¤à¥€ मिल सकती है यह अगर कारगर हो गया तो मानव सà¤à¥à¤¯à¤¤à¤¾ पे à¤à¤• गहन अंधकार दूर नहीं है। वरदान और अà¤à¤¿à¤¶à¤¾à¤ª में नाममातà¥à¤° का फसला होता है जिसपे हमे मà¥à¤–à¥à¤¯à¤¤à¤¾ धà¥à¤¯à¤¾à¤¨ देना होगा अनà¥à¤¯à¤¥à¤¾ तकनीकी विशà¥à¤µà¤¯à¥‚दà¥à¤§à¤¹à¥‹à¤¨à¥‡ की संà¤à¤¾à¤µà¤¨à¤¾ पूरà¥à¤£ है।
लाà¤
“यह देखना दिलचसà¥à¤ª होगा कि समाज कृतà¥à¤°à¤¿à¤® बà¥à¤¦à¥à¤§à¤¿à¤®à¤¤à¥à¤¤à¤¾ से कैसे निपटता है, लेकिन यह निशà¥à¤šà¤¿à¤¤ रूप से अचà¥à¤›à¤¾ होगा।"
- कॉलिन à¤à¤‚गल
हानि
सवाल?
सà¥à¤°à¤•à¥à¤·à¤¾ —आज à¤à¤¾à¤°à¤¤ जो की अपनी सफलता कि सीढ़ियो की चढ़ाई में लगा है वहीं कà¥à¤¯à¤¾ ये तकनीक हमारी à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ सà¥à¤°à¤•à¥à¤·à¤¾ अवरोध पैदा नहीं कर सकती ,जिससे कई घातक परिणाम हो सकते है।
à¤à¥à¤°à¤·à¥à¤Ÿà¤¾à¤šà¤¾à¤°â€”यह समाज की वह जड़ है जो कई बरà¥à¤·à¥‹à¤‚ से उग रही है कà¥à¤¯à¤¾ इस सॉफà¥à¤Ÿà¤µà¥‡à¤° के आ जाने से à¤à¥à¤°à¤·à¥à¤Ÿ लोगो को और ज़à¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ फ़ायदा देखेने को मिल सकता है जिससे आम जन को कई समसà¥à¤¯à¤¾ का सामना करना पड सकता है कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि यह सॉफà¥à¤Ÿà¤µà¥‡à¤° अà¤à¥€ सही ग़लत में à¤à¥‡à¤¦ करने में असमरà¥à¤¥ है।
विजà¥à¤žà¤¾à¤¨ और तकनीक — à¤à¤¾à¤°à¤¤ जो की à¤à¤• विकसित देश की दोड में है पर अà¤à¥€ विजà¥à¤žà¤¾à¤¨ और तकनीक के कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° में उतना आगे नहीं है वही इस तकनीक के आने से हमें कई कठिनाइयों सामना करना पड सकता है बात सिरà¥à¤«à¤¼ आधà¥à¤¨à¤¿à¤• देश की नहीं बलà¥à¤•à¤¿ उसमें जो लोग रहते है उनकी है कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि à¤à¤¾à¤°à¤¤ में समाज कई वरà¥à¤— अà¤à¥€ इनसब चीज़ों से अनà¤à¤¿à¤œà¥à¤ž हैं।
नà¥à¤¯à¤¾à¤¯â€” à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ क़ानून वà¥à¤¯à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¾ कà¤à¥€ जटिल और अनसà¥à¤²à¤à¤¾ है जिस कारण बस इसका à¤à¤•à¤¦à¤® सटीक और सीधा जवाब देने में यह तकनीक हमेशा सही नहीं रहती,और अà¤à¥€ यह तकनीक à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ क़ानून वà¥à¤¯à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¾ से इक हद तक अनà¤à¤¿à¤œà¥à¤ž है ।
à¤à¤•à¤¾à¤‚तता— यह सॉफà¥à¤Ÿà¤µà¥‡à¤° गोपनीयता बनाया रखने में कितनी सकà¥à¤·à¤® है इसका जवाब किसी के पास नहीं हैं।आज के इस दौर में मनव गोपनीयता बहà¥à¤¤ ज़रूरी है वही इस सॉफà¥à¤Ÿà¤µà¥‡à¤° का कà¥à¤› पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¶à¤¤ ही है जो कि बहà¥à¤¤ नà¥à¤•à¤¼à¤¸à¤¾à¤¨ देयक और उचित नहीं जब समाज का हर à¤à¤• वरà¥à¤— अपने सारे गोपनीय काग़ज़ और डेटा अपने मोबाइल में रखता है ।
à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ क़ानून पà¥à¤°à¤£à¤¾à¤²à¥€
“असली सवाल यह है कि हम अधिकारों के कृतà¥à¤°à¤¿à¤® बà¥à¤¦à¥à¤§à¤¿à¤®à¤¤à¥à¤¤à¤¾ विधेयक का मसौदा कब तैयार करेंगे? उसमें कà¥à¤¯à¤¾ शामिल होगा? और इसका निरà¥à¤£à¤¯ कौन करेगा?â€
- गà¥à¤°à¥‡ सà¥à¤•à¥‰à¤Ÿ
à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ क़ानून पà¥à¤°à¤£à¤¾à¤²à¥€ जो की बहà¥à¤¤ जटिल और अनसà¥à¤²à¤à¥€ मानी जाती है वही इस सॉफà¥à¤Ÿà¤µà¥‡à¤° के आने से लाठसे ज़à¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ हानि देखने को मिल सकती है ,अà¤à¥€ इस सॉफà¥à¤Ÿà¤µà¥‡à¤° के पास क़ानून के हर à¤à¤• सवाल का जवाब नहीं और à¤à¤• बात सà¥à¤°à¤•à¥à¤·à¤¾ की à¤à¥€ आती है ,इस सॉफà¥à¤Ÿà¤µà¥‡à¤° में गोपनीयता की कमी देखी गई है वही इस सॉफà¥à¤Ÿà¤µà¥‡à¤° के आ जाने से नà¥à¤¯à¤¾à¤¯ में हो रही काग़ज़ी करवाही में तेज़ी और निचले इसà¥à¤¤à¤° पे हो रहा à¤à¥à¤°à¤·à¥à¤Ÿà¤¾à¤šà¤¾à¤° को कम करने में कारगर साबित हो सकता है । नà¥à¤¯à¤¾à¤¯ पà¥à¤°à¤£à¤¾à¤²à¥€ में जोड़ घाटाने चलते रहते है जो की मेरे नज़रिये में à¤à¤• मानव ही कर सकता हे,कई बार फ़ैसले à¤à¤¾à¤µà¤¨à¤¾à¤¤à¥à¤®à¤• रूप से à¤à¥€ देखे जाते है जो यह सॉफà¥à¤Ÿà¤µà¥‡à¤° करने में असमरà¥à¤¥ है।
क़ानून जो की हर सà¤à¥à¤¯à¤¤à¤¾ का à¤à¤• मूलà¤à¥‚त हिसà¥à¤¸à¤¾ होता है वही इस तकनीक को बनाने सें पहले कोई क़ानून ना कोई नियम कà¥à¤› à¤à¥€ बनया गया जिसका दà¥à¤·à¥à¤ªà¤°à¤¿à¤£à¤¾à¤® जाने देखने को मिल सकते है, अगर आज की परिसà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿ में हम देखे को इसका कोई नियम क़ायदा नहीं है जो चाहे जैसे चाहे इस मशीन का उपयोग कर सकता है।
और ये तकनीक जो कि अंतरराषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ रूप से काम कर रही है,तो मेरे अनà¥à¤¸à¤¾à¤° इसको बनाने के पहले कई बैठक और विचार तो अनिवारà¥à¤¯ है, अंतरराषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ क़ानून बनाने के लिय कई अंतरराषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ संधि और विचार जो देशों के बीच के अपराधों को रोकने में सकà¥à¤·à¤® होते है। इस तकनीक से कोई à¤à¥€ दूसरे देश से अपराध करने में समरà¥à¤¥ होता है,फिर इसकी सजा किसे देंगे और कहा और कितनी इसका जवाब अà¤à¥€ हमारी क़ानूनी पà¥à¤°à¤£à¤¾à¤²à¥€ में नहीं है इस मशीन को उपयोग में लाने से पहले क़ानून और इसके उपयोग पे पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¬à¤¦à¥à¤§à¤¤à¤¾ के नियम अथवा रोकथाम के उपाय अनिवारà¥à¤¯ है। तब ही यह मशीन कारगर और सही तरीक़े से इसà¥à¤¤à¥‡à¤®à¤¾à¤² में लायी जा सकती है।
à¤à¤¾à¤°à¤¤ और ठआई
à¤à¤¾à¤°à¤¤ विविधता और समृदà¥à¤§à¤¿ का देश है,जहा हर वरà¥à¤— के इंसान रहते है,पर इसका à¤à¤• हिसà¥à¤¸à¤¾ तकनीक और शिकà¥à¤·à¤¾ में बहà¥à¤¤ पिछड़ा हà¥à¤¯à¤¾ है,जो की इस तकनीक या अनà¥à¤¯ तकनीकी कà¥à¤°à¤¾à¤‚ति के के लिय शायद तैयार नहीं है।जो की धà¥à¤¯à¤¾à¤¨ देने योगà¥à¤¯ है,जिसका धà¥à¤¯à¤¾à¤¨ हमारी सरकार, वरिषà¥à¤ और विशेषजà¥à¤žà¥‹à¤‚ को देखना पड़ेगा। à¤à¤¾à¤°à¤¤ जो की विशà¥à¤µà¤—à¥à¤°à¥ बनने कि दौड़ में है, वही इसे अà¤à¥€ काफ़ी सà¥à¤§à¤¾à¤° की ज़रूरत à¤à¥€ है,हम सिरà¥à¤«à¤¼ दो कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤°à¥‹à¤‚ पे इसका उपयोग कर रहा है चिकितà¥à¤¸à¤¾ और उतà¥à¤ªà¤¾à¤¦à¤¨à¥¤ चिकितà¥à¤¸à¤¾ में à¤à¤¾à¤°à¤¤ ने गà¥à¤²à¥‹à¤•à¥‹à¤®à¤¾ जैसे लाइलाज बीमारी का इलाज बखूबी निकाल लिया है वहीं उतà¥à¤ªà¤¾à¤¦à¤¨ के कà¥à¤·à¥ˆà¤¤à¥à¤° में कहा à¤à¤¾à¤°à¤¤ के गà¥à¤°à¤¾à¤®à¥€à¤£ इलाको में जहां पà¥à¤°à¤¶à¤¿à¤•à¥à¤·à¤¿à¤¤ मज़दूरो की कमी थी वहाठइसे उपयोग में लाया जा रहा है।
अगर à¤à¤¾à¤°à¤¤ आने वाले समय में अपने आप को विशà¥à¤µà¤—à¥à¤°à¥ देखना चाहता है तो उसे अपने तकनीकी और उतà¥à¤ªà¤¾à¤¦à¤¨ के कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° में बल देना पड़ेगा मशीन कारà¥à¤¯ करना पड़ेगा जिससे गलती की गà¥à¤‚जाइश कम हो, और यह सब बहà¥à¤¤ सूकà¥à¤·à¥à¤®à¤¤à¤¾ और समà¤à¤¦à¤¾à¤°à¥€ से करना होगा कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि à¤à¤¾à¤°à¤¤ के लोग अà¤à¥€ तकनीकी कà¥à¤°à¤¾à¤‚ति के लिये तैयार नहीं है, अगर हमने इसका उपयोग समà¤à¤¦à¤¾à¤°à¥€ और साà¤à¥‡à¤¦à¤¾à¤°à¥€ से किया तो इसके परिणाम देखने लायक़ होगे जो की पूरा विसà¥à¤µ देखेगा।इसका सही और सीमित उपयोग ही कारगर है वरना,वरदान को अà¤à¤¿à¤¶à¤¾à¤ª बनते देर नहीं लगती और यह अà¤à¤¿à¤¶à¤¾à¤ª सà¥à¤§à¤¾à¤° योगà¥à¤¯ नहीं होगा।
निषà¥à¤•à¤°à¥à¤·
“Science is a good Servant But A Bad Masterâ€
अगर रोजमरà¥à¤°à¤¾ के जीवनशैली में देखा जाठतो इसका उतना उपयोग नहीं है जीतना की बताया गया है। इस तकनीक को समà¤à¤¨à¥‡ के पहले इसकी थोड़ी कहानी जानते है,आज की यà¥à¤µà¤¾ पीढ़ी जो इसको बीसवी शताबà¥à¤¦à¥€ कि सबसे बड़े आविषà¥à¤•à¤¾à¤°à¥‹ में देखती है वही ये असल में सनॠ1950 की खोज है तब से अà¤à¥€ तक बस ये अनियंतà¥à¤°à¤¿à¤¤ फैलती चली जा रही है,और अà¤à¥€ तक इसमें करोड़ों अरबों रà¥à¤ªà¤ खरà¥à¤š किये जा चà¥à¤•à¥‡ है। सà¥à¤Ÿà¥€à¤«à¤¼à¤¨ हॉकिंग जो की à¤à¤• महान इंसान के साथ à¤à¤• महान वैजà¥à¤žà¤¾à¤¨à¤¿à¤• à¤à¥€ थे उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने इस सॉफà¥à¤Ÿà¤µà¥‡à¤° को मानव विनाशी बताया था और इसके रोकथाम का आदेश दिया था, और आज की बात देखे तो हर बड़ी कंपनियाठइस तकनीक को अपने à¤à¤ª और सिसà¥à¤Ÿà¤® में डाल रही है बस इसकी बढ़ती हà¥à¤ˆ लोकपà¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¤à¤¾ का कारण यही है और कà¥à¤› नहीं हम इंसानों में इसका उपयोग उतना हो है जितना आरà¥à¤Ÿà¤¿à¤«à¤¿à¤¶à¤¿à¤¯à¤²à¤ªà¥‹à¤§à¥‹ का यह सॉफà¥à¤Ÿà¤µà¥‡à¤° à¤à¤ª के ज़रिठहमारे जीवन की हर à¤à¤• चीज़ जान लेता है जो की आने वाले समय के लिय बहà¥à¤¤ नà¥à¤•à¤¼à¤¸à¤¾à¤¨à¤¦à¤¾à¤¯à¤• है कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि हम इंसान जो की अपनी हर à¤à¤• चीज़ अपने फ़ोन में रखते है वही ये तकनीक सब देखती है जो की संरकà¥à¤·à¤£ पे सवाल है।
कई कंपनी जैसे फ़ेसबà¥à¤•,सà¥à¤¨à¥ˆà¤ªà¤šà¥ˆà¤Ÿ,टà¥à¤µà¤¿à¤Ÿà¤° आदि के चैटबॉकà¥à¤¸ में हम इसे देख सकते है जो की हमसे बात करता है और हर सवाल का जवाब देता है,पर इसके दà¥à¤·à¥à¤ªà¤°à¤¿à¤£à¤¾à¤® देख के कई कंपनीयो ने इसे अपने सिसà¥à¤Ÿà¤® से हटा à¤à¥€ दिया जैसे टà¥à¤µà¤¿à¤Ÿà¤° ,इसके संसà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤• ईलॉन मसà¥à¤• उनका यह कहना था कि यह सॉफà¥à¤Ÿà¤µà¥‡à¤° धीरे धीरे सà¥à¤µà¤šà¤¾à¤²à¤¿à¤¤ होता जा रहा था जो की गोपनीयताओं पर आवाज़ थी।यह मानव निरà¥à¤®à¤¿à¤¤ सॉफà¥à¤Ÿà¤µà¥‡à¤° जैसे हीं सिसà¥à¤Ÿà¤® में जाता है ,कई जगह à¤à¤¸à¤¾ देखा गया है कि यह सà¥à¤µà¤šà¤¾à¤²à¤¿à¤¤ हो जाता है। अगर विदà¥à¤¯à¤¾à¤°à¥à¤¥à¥€à¤¯à¥‹à¤‚ के संदरà¥à¤µ में बात करे तो यह अà¤à¤¿à¤¶à¤¾à¤ª के रूप में देख सकते है छातà¥à¤° बिना सोचे सीधा जवाब ले लेते है जो कही ना कही यह मानव कà¥à¤·à¤®à¤¤à¤¾ की रोकथाम है। अगर à¤à¤• विसà¥à¤¤à¥ƒà¤¤ रूप में देखा जाठतो आने वाले समय में यह सॉफà¥à¤Ÿà¤µà¥‡à¤° सूचना पà¥à¤°à¥Œà¤¦à¥à¤¯à¥‹à¤—िकी के कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° बेरोज़गार का कारण हो सकता है, कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि जो काम सैकड़ो इंसान मिलके à¤à¥€ नहीं कर सकते वही यह तकनीक आसानी और कम समय में कर सकती है। हाल ही में अमेरिका में à¤à¤• सिमà¥à¤¯à¥à¤²à¥‡à¤Ÿà¤° पà¥à¤°à¤¶à¤¿à¤•à¥à¤·à¤£ के दौरान à¤à¤• à¤à¤†à¤ˆ डà¥à¤°à¥‹à¤¨ जो की सेना के लिये तैयार हो रहा था उसने पà¥à¤°à¤¶à¤¿à¤•à¥à¤·à¤£ करà¥à¤¤à¤¾ की बात मानने से इंकार कर दिया और उसके ऊपर हमला कर दिया, यह बात सोचने वाली है की मानव निरà¥à¤®à¤¿à¤¤ चीजे मानव की बात मानने से इंकार के दे रही है कही ये à¤à¤• घंटी तो नहीं है कि हमें इसे यही पे रोक देना चाहिà¤,नहीं तो यह तकनीकी परमाणॠसिदà¥à¤§ होगा और मानव संरचना पे सवाल उठाà¤à¤—ा।
अगर हम बात करे की क़ानून के कà¥à¤·à¥ˆà¤¤à¥à¤° में तो मेरे अनà¥à¤¸à¤¾à¤° इसका उपयोग ना के बराबर है,ये मान सकते है कि काग़ज़ी कामो उपयोगी हो सकता है परंतॠबाक़ी की जगह नहीं कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि क़ानूनी वà¥à¤¯à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¾ à¤à¤¾à¤µà¤¨à¤¾à¤¤à¥à¤®à¤• यà¥à¤•à¥à¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ पर निरà¥à¤à¤° होती है हर गà¥à¤¨à¤¾à¤¹ की सज़ा किताबो मे से नहीं दी जा सकती कई बार नà¥à¤¯à¤¾à¤¯à¤¾à¤§à¥€à¤¶ को à¤à¤¾à¤µà¤¨à¤¾à¤¤à¥à¤®à¤• फेसले à¤à¥€ लेने होते है जो की यह सॉफà¥à¤Ÿà¤µà¥‡à¤° आज की परिसà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿ में सकà¥à¤·à¤® नहीं है, पर अगर सोच à¤à¥€ लो कि यह सॉफà¥à¤Ÿà¤µà¥‡à¤° अगर à¤à¤¾à¤µà¤¨à¤¾à¤¤à¥à¤®à¤• तरीक़े से सोचने लगा तो यह इंसानी जीवन को बिलकà¥à¤² से ख़तà¥à¤® कर देगा। इसका सही उपयोग अंतरिकà¥à¤· अनà¥à¤¸à¤‚धान में होना चाहिठजिसमें बारीकियों की बहà¥à¤¤ ज़रूरत होती है और पूरा à¤à¤• पà¥à¤°à¤¯à¥‹à¤œà¤¨ छोटी सी इंसानी गड़बड़ी से बिफल हो जाता है। इसका उदाहरण à¤à¤¾à¤°à¤¤ का चांदà¥à¤°à¤¾à¤¯à¤£-२ जिसमें मामूली सी इंसानी कामी होने के कारण पूरा पà¥à¤°à¤¯à¥‹à¤œà¤¨ बिफल हो गया|
अनà¥à¤¯ उदाहरण यह मानव निरà¥à¤®à¤¿à¤¤ सॉफà¥à¤Ÿà¤µà¥‡à¤° कई जगह सà¥à¤µà¤šà¤¾à¤²à¤¿à¤¤ होते देखा है, चैट जीपीटी यह नाम आज के समय में छतà¥à¤°à¥‹à¤‚ ने à¤à¤—वान से ज़à¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ सà¥à¤¨à¤¾ है और लिया है इसकी मूल कंपनी ओपन ठआई है जिसके अà¤à¥€ कà¥à¤› समय पहले तक इलोन मसà¥à¤• à¤à¥€ हिसà¥à¤¸à¥‡à¤¦à¤¾à¤° थे पर उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने यह टिपà¥à¤ªà¤¡à¥€ दी थी की हमने इस सॉफà¥à¤Ÿà¤µà¥‡à¤° को जैसे बनया था ये उस तरह काम ना करके ख़à¥à¤¦ व ख़à¥à¤¦ अपनी à¤à¤• नई à¤à¤¾à¤¸à¤¾ में काम करता है।
“मशीन इंटेलिजेंस आखिरी आविषà¥à¤•à¤¾à¤° है जिसे मानवता को बनाने की आवशà¥à¤¯à¤•à¤¤à¤¾ होगी।"
- निक बोसà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥‹à¤®
लेखक:-
शà¥à¤°à¥‡à¤¯à¤¾à¤‚श छारी
डिपारà¥à¤Ÿà¤®à¥‡à¤‚ट ऑफ़ लॉ
पà¥à¤°à¥‡à¤¸à¥à¤Ÿà¥€à¤œ इंसà¥à¤Ÿà¤¿à¤Ÿà¥à¤¯à¥‚ट ऑफ़ मैनेजमेंट à¤à¤‚ड रिसरà¥à¤š,इंदौर
चतà¥à¤°à¥à¤¥ वरà¥à¤·
+91 7909909089
विषयसूची
Award Winning Article Is Written By: Mr.Sreyansh Chhari
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